सद्गुरु लक्षण

0 टिप्पणीहरू 462 आगन्तुकहरू

मोक्ष यात्रामा सद्गुरु आश्रयलाई साधनाको एक विशिष्ट अंग मानिन्छ । मोक्ष प्राप्त गरिसकेका सद्गुरुका लक्षणहरू कस्ता हुन्छन् ? तलका श्लोकहरूमा व्याख्या गरिन्छ –

श्रोत्रियोऽवृजिनोऽकामहतो यो ब्रह्मवित्तमः ।।३४।।
ब्रह्मण्युपरतः शान्तो निरिन्धन इवानलः ।
अहैतुकदयासिन्धुर्बन्धुरानमतां सताम् ।। ३५ ।।
तमाराध्य गुरुं भक्त्या प्रह्वप्रश्रयसेवनैः ।
प्रसन्नं तमनुप्राप्य पृच्छेज्ज्ञातव्यमात्मनः ।।३६।।

जुन महात्मा श्रोत्रिय (वेद ज्ञान बेत्ता), पापरहित, निष्काम, श्रेष्ठब्रह्मवेत्ता, ब्रह्मनिष्ठ, इन्धनरहित अग्निजस्तै शान्त, अकारण दयासागर, शरणागत भक्तहितैषी हुनुहुन्छ, त्यस्ता गुरुदेवको विनम्र सेवा र भक्तिपूर्वक आराधना गर्दै, गुरु प्रसन्न भएपछि समीपमा गएर आफ्ना प्रश्नहरू राख्नुपर्दछ । ।।३४।३५।३६।।

साधन चतुष्ट्यमा पारंगत भइसकेका मुमुक्षु, वेदज्ञानवेत्ता, ब्रह्माज्ञानी, पापरहित, ब्रह्मवेत्ताहरूमा विशिष्ट (ब्रह्मश्रेष्ठ) जसको शान्त हृदयमा अकारण करूणाको धारा प्रवाहित भइरहेको हुन्छ, यस्ता भक्तहितैषी सद्गुरुको शरणमा जानुपर्दछ । गुरुदेवको विनम्र सेवा र भक्तिपूर्वक आराधना गरी आफ्ना जिज्ञासाहरू राख्नुपर्दछ ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


CAPTCHA Image
Reload Image

पुराना लेखहरु

लेखहरु प्रकाशित मिति आगन्तुकहरू टिप्पणीहरू
किन महासतिपवान मात्र सत्यमोक्ष साधना हो ? 08 poush 2079 482 0
मंगलाचरण 1/15/2023 513 0
मुक्तिको दुर्लभता 1/15/2023 416 0
मनुष्य जन्मको दुर्लभता 1/15/2023 626 0
विचारको महङ्खव 1/15/2023 407 0
शिष्य लक्षण 1/15/2023 474 0
साधन–चतुष्टय 1/15/2023 1193 0
वैराग्य र मुमुक्षताको महङ्खव 1/15/2023 425 0
शिष्य प्रार्थना 1/15/2023 523 0
गुरु कर्तव्य 1/15/2023 581 0
1/15/2023 397 0
शिष्य प्रशंसा 1/15/2023 436 0
मोक्षमा स्वप्रयत्नको प्रधानता 1/15/2023 400 0
शास्त्र अध्ययनको मिथ्यात्व 1'/15/2023 450 0
अपरोक्षानुभवको आवश्यकता 422 0
स्थूल शरीरको व्याख्या 1/15/2023 625 0
विषयविन्दा 1/15/2023 455 0
देहाशक्तिको निन्दा 1/15/2023 437 0
स्थूल शरीर निन्दा 1/15/2023 522 0
दश इन्द्रियहरू 1/15/2023 746 0
अन्तःकरण चतुष्ट्य 1/15/2023 409 0
पञ्चप्राण 1/15/2023 536 0
सूक्ष्म शरीर वर्णन 1/15/2023 567 0
प्राणको धर्म 1/15/2023 366 0
अहंकार 1/15/2023 387 0
आत्माको परम प्रेमास्पदता 1/15/2023 322 0
माया वर्णन 1/15/2023 1004 0
रजोगुण 1/15/2023 400 0
तमोगुण 1/15/2023 352 0
सङ्खवगुण 1/15/2023 373 0
कारण शरीर 1/15/2023 404 0
आत्मा–निरूपण 1/15/2023 402 0
अध्यास 1/15/2023 458 0
आवरण र विक्षेपशक्ति 1/15/2023 502 0
बन्ध निरूपण 1/15/2023 358 0
अन्नमय कोश 1/15/2023 406 0
प्राणमय कोश 1/15/2023 390 0
मनोमय कोश 1/15/2023 367 0
विज्ञानमय कोश 1/15/2023 410 0
मुक्ति कसरी प्राप्त हुन्छ ? 1/15/2023 481 0
आनन्दमय कोश 1/15/2023 332 0
आत्मस्वरूप विषयक प्रश्न 1/15/2023 335 0
आत्मस्वरूप निरूपण 1/15/2023 401 0
ब्रह्मा र जगत्को एकता 1/15/2023 333 0
जगत्को मिथ्यात्व 1/15/2023 419 0
ब्रह्म निरूपण 1/15/2023 601 0
महावाक्य – विचार 1/15/2023 460 0
ब्रह्मा–भावना 1/15/2023 504 0
वासना त्याग 1/15/2023 489 0
अध्यास निराकरण 1/15/2023 386 0
अहंपदार्थ निरूपण 1/15/2023 406 0
अहंकार – मुख्यवाधा 1/15/2023 326 0
क्रिया, चिन्ता, र वासना त्याग 1/15/2023 366 0
प्रमाद – निन्दा 1/15/2023 443 0
अविद्याको स्थिति 1/15/2023 414 0
आत्म निष्ठाबाट सर्वात्मभाव 1/15/2023 409 0
समाधिद्वारा विकल्पको नाश 1/15/2023 393 0
ध्यानद्वारा परमात्मभावको प्राप्ती 1/15/2023 478 0
निर्विकल्प समाधिको महङ्खव 1/15/2023 392 0
समाधि – प्राप्तिको उपाय 1/15/2023 370 0
वैराग्य र मुमुक्षुताको आवश्यकता 1/15/2023 391 0
ध्यान विधि 1/15/2023 396 0
आत्म दृष्टि 1/15/2023 427 0
ब्रह्ममा भेदको अभाव 1/15/2023 420 0
आत्म चिन्तनको उपदेश 1/15/2023 346 0
शरीर उपेक्षा 1/15/2023 329 0
आत्मज्ञानको फल 1/15/2023 436 0
जीवनमुक्तको लक्षण 1/15/2023 421 0
प्रारब्ध कर्म विचार 434 0
प्रारब्ध निराकरण 1/15/2023 385 0
नानात्व – निषेध 1/15/2023 463 0
वेदान्त – सिद्धान्तको सार 1/15/2023 466 0
बोधोपलब्धी 1/15/2023 410 0
शिष्यको अनुभव 1/15/2023 463 0
सद्गुरूप्रति कृतज्ञता 1/15/2023 598 0
गुरुको अन्तिम उपदेश 1/15/2023 785 0
आत्माको अविनाशिता 1/15/2023 797 0
परमार्थता 1/15/2023 1112 0
शिष्य बिदाइ 1/15/2023 1056 0
अनुवन्ध – चतृष्टय 1/15/2023 34344 0